shayari-love's image
Share0 Bookmarks 31458 Reads1 Likes
एक कच्चे मकान की देखो खिड़की खुली हुई हैं, 
वो भी खड़ी हुई हैं और मैं भी खड़ा हुआ हूँ, 
ना उसने मुँह से कुछ बोला है ना मैं ही कुछ बोल पाया हूँ, 
रूहानियत का ये क

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts