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नशाबंदी के परबंधक ही नशे का व्यापार चलाते हैं,
समाज के वो ठेकेदार ही ये कारोंबार चलाते हैं,
लोगों को नशे की लत ये विज्ञापन लगवाते हैं,
बड़े-बड़े अभिनेताओं से प्रचार-प्रसार करवाते हैं,
बदले में वो अभिनेता मोटी कमाई कर जाते हैं,
जनता आप ऐसे अभिनेताओं की बातों में क्यों आ जाते हैं,
ये तो रोज़ ऐसे कई किरदार निभाते हैं,
एक दिन नशा मुक्ति का प्रचार करते नज़र आते हैं,
तो दूसरे दिन नशे के उत्पाद बेचते पाते हैं,
मगर इसके पीछे छिपी कुछ और ही सच्चाई हैं,
हर नशे के इलाज में छुपी एक दवाई हैं,
औषध उद्योग से जुड़े लोगों ने ये चक्रव्यूह संरचना बनाई हैं,
नशे के इस धंधे में कमाई ही कमाई हैं।
लेखक- रितेश गोयल 'बेसुध'
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