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राम तुम्हारा नाम

RishiitaaRishiitaa June 25, 2022
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राम!
तुम्हारे  इस  नाम  को सुनते ही मन में भाव आते है अकस्मात। 
एक भाव सीता सा , जो तुमसे मिलकर हो जाता है एकाकार। 
एक भाव हनुमत सा , जो भक्ति में मग्न होकर कर जाता है सभी काम  ।
एक भाव दशरथ सा, जो तुम्हारे वियोग में छोड़ना चाहता है संसार। 

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