सुना है तेरे शहर का मौसम बहुत सुहाना लगे,
में आज एक शाम चुरा लूं, अगर बुरा न लगे,
इससे बेहतर क्या तारीफ़ करूं मैं तुम्हारी,
तेरे रौनक के आगे सारा कायनात पुराना लगे।।
No posts
Comments