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दर बदर होके झेला जो हमने
कमकल होने से जो भोगा हमने
दर्द जो भी पाए हमने
ले सको तो फिर जी उठेंगे।
हर अकेले को वास्ते
हर बेघर को आसरे
हर भटके को रास्ते
दे सको तो फिर जी उठेंगे।
वफादार को वफाएं
गुनहगारों को सजाएं
गरीबों को दुआएं
मिल सके तो फिर जी उठेंगे।
सच की खबरें
झूट से नफरतें
किस्मत से पिछड़े
बढ़ सके तो फिर जी उठेंगे।
कमकल होने से जो भोगा हमने
दर्द जो भी पाए हमने
ले सको तो फिर जी उठेंगे।
हर अकेले को वास्ते
हर बेघर को आसरे
हर भटके को रास्ते
दे सको तो फिर जी उठेंगे।
वफादार को वफाएं
गुनहगारों को सजाएं
गरीबों को दुआएं
मिल सके तो फिर जी उठेंगे।
सच की खबरें
झूट से नफरतें
किस्मत से पिछड़े
बढ़ सके तो फिर जी उठेंगे।
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