यादें's image
Share0 Bookmarks 24 Reads0 Likes

तुम कब इतना खुदगर्ज हो गए

पता ही न चला


हमारा तो रिश्ता था पवित्र दोस्ती का

तुम कब बदल गए पता ही न चला


तोड़ दी दोस्ती गलतफहमी के कारण

फिर क्यों अब दुःखी रहते हो


जो है साथ उसमें ही दोस्त भी ढूंढ़ लो

यूं मर मर के जीना सही न है यारा


कब तक सुनू कि तुम

मेरे कारण परेशान हो

यूं किसी के दुःख की वजह में बनना नहीं चाहती

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts