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दूरीयाँ गिनी है मैंने हम दोनों के बीच,
इंतज़ार करता हूँ, समय की नज़ाकत देखता हूँ।
पलकों पर रख कर तेरे चेहरे को देखा है,
बंद आँखों से भी तुम्हें देखता हूँ।
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दूरीयाँ गिनी है मैंने हम दोनों के बीच,
इंतज़ार करता हूँ, समय की नज़ाकत देखता हूँ।
पलकों पर रख कर तेरे चेहरे को देखा है,
बंद आँखों से भी तुम्हें देखता हूँ।
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