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तुझे अजनबी कहूँ कि आश्ना

AbhishekAbhishek November 21, 2021
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कल सफ़र में हुआ था जो

उस एहसास को क्या नाम दूँ

आग़ाज़ किसी दास्ताँ की

कि अंजाम-ए-तसव्वुर कहूँ


बेनाम सा एक शख़्स

अदाएं भी लाजवाब

हँसती है गोया शबनम

रूठे अगर तो आफ़्ताब


राह-ए-हयात में कभी

सामने वो आएगी जब

पूछूँगा, दिल पे मेरे

यूँ दस्तक देने का

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