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इमारतों के ऊँची होने में
नहीं है तनिक भी शान
भ्रष्ट मिलावट है गर नींव में
ढह के खो देगा पहचान
झूठे साम्राज्य का हो ताज
या नोटों के बल पर राज
फलता फूलता नहीं अधिक
गिरना है इक दिन गाज
अवैध धन के सागर में
डूबेगा जिसका भी तन
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