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मोहब्बत के लिए
नहीं ज़रूरी कि,
आए माह फरवरी I
बस, बन जाओ तुम कान्हा
और बजाओ बाँसुरी I
छेड़ो मधुर सुरीली धुन
तोड़ दो सारे बंधन
जोड़ दो मन से मन
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मोहब्बत के लिए
नहीं ज़रूरी कि,
आए माह फरवरी I
बस, बन जाओ तुम कान्हा
और बजाओ बाँसुरी I
छेड़ो मधुर सुरीली धुन
तोड़ दो सारे बंधन
जोड़ दो मन से मन
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