है मासिक धर्म
स्त्री देह का विज्ञान I
अद्भुत अनोखा,
नारीत्व का प्रमाण II
पीरियड, ब्लीडिंग,
एमसी, माहवारी I
है शारीरिक प्रक्रिया,
नहीं ये कोई कलंक I
नहीं ये कोई बीमारी II
मत सोचो इतना कि
क्यूँ कोई करता है तंज़,
क्यूँ उठाता है सवाल I
रखो ऐसे वक़्त, बस !
अपना ज़्यादा ख़याल II
मचाते हैं जो इतना बवाल
उनकी बेटी बहन पत्नियों की
साड़ियां और शलवार,
क्या "उन दिनों में"
नहीं होती लाल लाल ?
अरे नादानों,
चंद दिनों के लिए
जिसे "अछूत" कहते हो
नौ महीनों तक
उसी काया में तो रहते हो
नहीं हो जाती है
कोई नारी अपवित्र
महज़ ये कह देने से
कि जिस्म से उसके
बहता है गंदा रक्त
सच तो ये है कि
सह कर बार बार
वही अनचाहा दर्द
हो जाती हैं वो
और भी सशक्त
आदत होती है जिनकी,
बस कुछ भी कहना I
उन्हें क्या ख़बर,
होता क्या है सहना I
अफ़सोस है उन पर
समझते जो ख़ुद को
शिक्षित, महान I
पर इतना भी नहीं
रखते हैं ज्
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