
ज़िंदगी के चित्र-पटल पर
भावनाओं के गहरे रंगों से
ममता, स्नेह, प्रेम व त्याग के
कई आयामों से सजी हुई
समर्पण के कई रूपों की
जीवंत जो चित्रकारी है
हमारी भारतीय नारी है
नारी है मान पौरुष का
खिलौना नहीं ये चंद हाथों का
इन्हें स्पर्धा द्वेष की चीज़ न मानें हम
न समझें कि बस एक काया है
भारत की कई बेटियों ने
ख़ूब परचम लहराया है
कहीं मीरा की अनुपम भक्ति है
कहीं सीता की मर्यादा है
कई तारीख़ें भी गवाह बनीं
जब वीरांगनाओं ने तलवार उठाया है
है गर्व हमें रज़िया पर
लक्ष्मीबाई पर नाज़ है
अंतरिक्ष के पटल पर
कल्पना, सुनीता का कमाल है
सियासत की गलियों में
"प्रतिभा" की मिसाल है
लता आशा सी सुर-देवी से
विरासत-ए-संगीत निहाल है
साइना, मैरी, सिंधु, सानिया के हाथों में
खेलों की मशाल है
महिला समाज पर बोझ नहीं
घर घर का ये तो गहना है
माँ, पत्नी, बेटी, बहू, सखा
और प्यारी सी बहना है
स्त्री तो सृष्टि का है आधार
बिन नारी है सूना संसार
आराध्य स्वरूपों में इनको
नमन करते जब बारम्बार
फिर क्यूँ बाल कन्याओं पर
हो रहा शोषण और अत्याचार
आओ अब हम ये प्रण करें
रखें मन में बस यही विचार
अबला जान कर कभी
करें न इनका तिरस्कार
कुछ सोच बदलने की बारी है
औरत का सम्मान करना
संयुक्त ये ज़िम्मेदारी है
हर संघर्ष व सफलता में
इनकी भी भागीदारी है
है जननी हम सबकी जो
सबला है, शक्ति हमारी है
- अभिषेक
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments