LOVE IS NOT TOURISM's image
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सात-आठ रोज़ का

है फ़ुज़ूल ये रिवाज़

प्रेम, इश्क़, उल्फ़त .... 

नहीं, हफ़्ते दिनों का मोहताज

मोहब्बत ऐसी शय है

जिसका अंत न आग़ाज़

पल-पल, हर पल, दिलों में

बजता रहता है ये साज़


       - अभिषेक


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