Share0 Bookmarks 46450 Reads0 Likes
गीत हैं निःशब्द
साज़ बे-आवाज़
राग है गुमसुम
सरगम है मायूस
स्वर है उदास
महफ़िलें हैं सूनी
लय में नहीं ताल
धुन है बेहोश
संगीत है ख़ामोश
हर मंच है निराश
हे माँ ! सरस्वती
Send Gift
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments