
Share0 Bookmarks 60 Reads0 Likes
चाहा था तुझे सबने इतना
जैसे एक छोटा बच्चा तू
शांत, कोमल, श्वेत रंग का
दोस्त सखी सा सच्चा तू
सब अपनों का मन जीत के
क्यूँ छोड़ गया इतनी जल्दी
संभालेंगे कैसे दिल को
न भूल पाएँगे तुझ को
लगता है अब भी यही
आस-पास ही तू होगा कहीं
दौड़ के आ जाएगा अभी
छूट गया है साथ तुझ से
इस बात पे, नहीं होता यकीं
दिल में बसा रहेगा हमेशा
हमारा दुलारा प्यारा "लकी"
करता रहता था इधर उधर
कभी आँ
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments