हादसा's image
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बे-मुरव्वत था वो लम्हा

किया जिसने यूँ मजबूर

कि कमरे का दायरा भी

लगता है अब काफ़ी दूर

................................. 


ज़ख़्मों का इम्तिहान है

दर्दनाक हैं प्रश्न तमाम

हौसलों से उत्तर दिया है

आएगा सुखद परिणाम

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लड़ूँगा इस कैफ़ियत से

हौसला हारना नहीं मंज़ूर

सहूँगा हर तकलीफ़ मैं

जीतूँगा दर्द से जंग ज़रूर

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उस रोज़ के हादसे से,

नहीं हुआ फ़क़त,

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