
Share0 Bookmarks 46 Reads1 Likes
"ज्ञान"वापी के लिए
लड़ रहे हैं ...
चंद "अज्ञानी" लोग
............................
बँट चुका है पहले ख़ुद इंसान
सिख, ईसाई, हिंदू, मुसलमान
उलझा है अब वो, तय करने में
यहाँ है अल्लाह, वहाँ भगवान
........................
कण-कण है प्रभु का घर
ये बात सब जानते हैं, पर
बात ये जा पहुँची है अब
तख़्त-ए-अदालत पर
कोई कह रहा है ....
"दर है ये तो मेरे ख़ुदा का"
कोई कह रहा है ....
"उस जगह हैं, शिव-शंकर"
.......................................
गर लड़ना ही है, तो लड़ो
पर, अच्छे आदर्शों के लिए
क्यूँ लड़ते हो बे-वजह ?
परमात्मा के दर के लिए
- अभिषेक
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments