ज़िंदगी's image
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तू आवाज़ लगाना में तपती धूप में दौड़ी चली आऊंगी
तू कभी धूप में आया,में तेरे लिए छांव बन जाऊंगी

तू जो हुआ कभी उदास 
में तेरे होठों की मुस्कान बन जाऊंगी

ज़िंदगी के इस सफर में चलना साथ मेरे 
में तेरे साथ ज़िंदगी बिताऊँगी

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