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बरसात के उस मौसम ने करीब लाया था हमें,
ड़र था कि फ़िर से तुम ना कहीं खो जाओ
एक बार फ़िर आया है सावन कुछ यादें लिए,
क्या पता शायद इस मौसम फ़िर तुम मेरी हो जाओ।।
- रेहान कटरावाले
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बरसात के उस मौसम ने करीब लाया था हमें,
ड़र था कि फ़िर से तुम ना कहीं खो जाओ
एक बार फ़िर आया है सावन कुछ यादें लिए,
क्या पता शायद इस मौसम फ़िर तुम मेरी हो जाओ।।
- रेहान कटरावाले
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