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दो आखर का नाम हैं राखी।
भाइयो की कलाई की पहचान है राखी।
बहन का प्यार हैं घुला जिसमे,वो त्यौहार हैं राखी।
सरहद पर खड़े जवानों की भेंट हैं राखी।
शहीद हुए भाई की याद में दिखता जिसकी आँखों में गौरव हैं,वो बहिन का अनुपम दुलार हैं राखी।
किसी के लिए केवल स्टेटस में बहिन को सजाने का नाम हैं राखी।
तो किसी के लिए बसता सारा संसार जिसमे,वो त्यौहार है राखी।।
बंधन हैं दो शरीर एक जान का
वो पर्व का नाम हैं राखी।।
बहिन की रक्षा का वचन हैं राखी।
सबसे पहले भारत माँ की शान हैं राखी।
रावल सिंह राजपुरोहित
जोधपुर राजस्थान
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