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ये नया दौर है रावण का

Ravindra RajdarRavindra Rajdar October 28, 2021
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ये नया दौर है रावण का,

आने फिर से राम हैं बाकी। 

सच रोज रसातल में धंसता है, 

और पूजी जाती है चालांकी।


अब सबरी जाती दुत्कारी है,

आज रहती पत्थर सी नारी है।

केवट राह जोहता रहता है, 

और बेईमानी बस है बेबाकी। 

ये नया दौर है रावण का.... 


अब भाई भाई का ही दुश्मन है,

और माँ बाप का बसेरा बन है। 

अब घर घर में मंथरा रहती है, 

और टूटनिति बस बनी है लाठी।

ये नया दौर है र

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