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अगर निराशा हो बहुत हो जाये तो,
निराशा में से नीर को बहा देना फिर आशा बच जाएगी |
दुनिया के तरफ देखोगे तो दुःख संभव है,
स्वयं को देखना शुरू करो सुख आएगा |
परित्याग की सोचोगे तभी प्रेम आएगा,
नफा नुकसान तो नफ़रत को जन्म देते हैं |
सफलता सिर्फ सोंच से सुनिश्चित होती है,
असफलता कुछ नहीं सिर्फ एक अपवाद है |
सत्य वही है जो सदैव था, है और रहेगा,
असत्य वह है जिसका कोई अस्तित्व नहीं है |
जन्म जुड़ाव है नयी दुनिया और नयी यात्रा से,
मृत्यु मोक्ष है उसी दुनिया और उसी यात्रा से |
- रविन्द्र राजदार
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