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यूँ अज़नबी से हो गए हैं हम
जाने क्या थें
अब क्या हो गए हैं हम
है गम यहाँ तो क्या
जो तुम नहीं तो हम क्या
जाने दे अब लौट आता हूँ
सिफारिशो की क़वायदें अब नहीं चलाता हूँ
होने दे अब थोड़ी और शिकायतें
ना मिले तो ना मिले ग़म से रियायतें
रहने दे
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