
Share0 Bookmarks 196 Reads1 Likes
यूँ अज़नबी से हो गए हैं हम
जाने क्या थें
अब क्या हो गए हैं हम
है गम यहाँ तो क्या
जो तुम नहीं तो हम क्या
जाने दे अब लौट आता हूँ
सिफारिशो की क़वायदें अब नहीं चलाता हूँ
होने दे अब थोड़ी और शिकायतें
ना मिले तो ना मिले ग़म से रियायतें
रहने दे अब जो यूँ उलझें से हैं हम
जाने क्या थे अब जाने क्या हो गए हैं हम
ना तमाशा हूँ
ना तेरे ख्यालों सा हूँ
ना ख़ामोशी हूँ
ना किसी के सवालों सा हूँ
अब जो अज़नबी हो ही गए हैं हम
तो जाने दे अब जो हो गए हैं हम
--------------------------------- #ravim1987
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments