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हवा का झोंका

Ravi MishraRavi Mishra June 16, 2020
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क्यों गुज़र जाता है चुपके से आके

ये हवा का झोंका

जीना सिखाता है , बेइंतहा प्यार देता है

पर फिर अकेला क्यों छोड़ जाता है

ये हवा का झोंका

तू ना होता तो क्या होता पता नहीं

हां पर तेरे जाने से मैं कितना बदल गया हूँ

अब मैं समझ नहीं पाता

फिर तू ही बता

तुझे कैसे मैं फिर वापस बुलाऊँ

ऐ हवा का झोंका

क्यों गुज़र जाता है चुपके से आके

ये हवा का झोंका

इतनी ऊमस है अभी भी इस जिंदगी में

पर

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