
Share0 Bookmarks 153 Reads1 Likes
वो तेरा ही था
उस पतंग जैसा
जो हवा के संग बहा
धागे की ढील उसकी
हवा में बेफिकर उड़ान भी उसकी
दूर जा के
वापस आने का जज्बात भी उसका
अगर ना चाहते हुए भी
डोर जो टुट गयी
दूर जाते जाते
पास होने का हर एहसास भी उसका..
#ravim1987
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments