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ये दूरियां हैं जो अब
इसे ऐसे ही रहने दे
इन अधूरे किस्से को अब
पूरी कहानी बनने दे
ये सिलसिला मुलाकातों का
थोड़ा और बढ़ने दे
खवाबों की अठखेलियो को
थोड़ा और मसरूफ होने दे
इस इश्क़ के पुलाव में
थोड़ा और नमक लगने दे
दिल नासमझ को थोड़ी और गलतियाँ
करने दे
जज़्बातो की पहेलियों को
थोड़ा और मशगूल होने दे
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