
Share0 Bookmarks 171 Reads1 Likes
चल उठ खड़ा हो राही
अभी साँस तुझमे है बाकी
चल उठ चमक जा अंधेरे में कहीं
थोड़ी आंच तुझमे है बाकी
काट ली तुमने कई रातें
इस सहर के इंतज़ार में
चल उठ खड़ा हो राही
अब इस रात की सिर्फ आखिरी पहर है बाकी
तू जी गया भावनाओ के बर्फीले तूफानों में
तू पी गया हर पीर का सारा तमस
चल उठ खड़ा हो राही
अभी आग तुझमे है बाकी
चल उठ खड़ा हो राही
अभी साँस तुझमे है बाकी
#ravim1987
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments