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बेपरवाह बचपन

Ravi MishraRavi Mishra June 16, 2020
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याद कोई पुरानी सी है

किसी कोने की तख्तियो से झांकि सी है

वो कल ही था जब हम बेसुध से भागे थे

कभी घर के दिवारों से फांदे थे

और कभी अतरंगी स

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