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जमाने ने कहा, मत पड़ उसके चक्कर में बरबाद हो जाएगा;
हमने भी कह दिया जमाने से, बिना बरबाद हुए इश्क कहा मुकमल हो पाएगा।
उन्होंने कहा मत पड़ प्यार में इसके दो ही अंजाम हैं, या तो मरेगा या जाएगा जेल;
हमने भी कहा ये प्यार इतना आसान नहीं है मेरे दोस्त, ये कायरों का नहीं दिलेरों का है खेल।
सबने कहा ये इश्क झूठ है फरेब है धोखा है, ये इश्क बहुत बड़ी बीमारी है;
हमने कहा देख मेरे इश्क को, अगर ये इश्क एक बीमारी है, तो ये बीमारी देने वाली भी तो कितनी प्यारी है।
उन्होंने कहा देख तू पछताएगा, रोता हुआ एक दिन हमारे पास वापस आएगा;
मैंने कहा भले रोऊंगा, पछताऊंगा टूट के बिखर जाउंगा, लेकिन समेटेंगि मुझे उसकी बाहें और उसकी गोद में सर रख के उसके काली-घनी ज़ुल्फों में खो जाउंगा।
कवि:- रवि कुमार ❤️
हमने भी कह दिया जमाने से, बिना बरबाद हुए इश्क कहा मुकमल हो पाएगा।
उन्होंने कहा मत पड़ प्यार में इसके दो ही अंजाम हैं, या तो मरेगा या जाएगा जेल;
हमने भी कहा ये प्यार इतना आसान नहीं है मेरे दोस्त, ये कायरों का नहीं दिलेरों का है खेल।
सबने कहा ये इश्क झूठ है फरेब है धोखा है, ये इश्क बहुत बड़ी बीमारी है;
हमने कहा देख मेरे इश्क को, अगर ये इश्क एक बीमारी है, तो ये बीमारी देने वाली भी तो कितनी प्यारी है।
उन्होंने कहा देख तू पछताएगा, रोता हुआ एक दिन हमारे पास वापस आएगा;
मैंने कहा भले रोऊंगा, पछताऊंगा टूट के बिखर जाउंगा, लेकिन समेटेंगि मुझे उसकी बाहें और उसकी गोद में सर रख के उसके काली-घनी ज़ुल्फों में खो जाउंगा।
कवि:- रवि कुमार ❤️
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