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चल तु चल तु
रुक मत, रुक मत
एक कदम छूटा
तो सौ कदम पीछे रह जाएगा
कर हौसला बुलंद, रही चल अपनी धुन मे
मंजिल तेरी होगी
रुका, हारा तो अपनों मे अजनबी बन जाएगा
ये दौर थमने का ना है
वक़्त तेरा इंतजार ना करे
तो तु क्यु करता है
रफ्तार का जमाना है
यहाँ हर कसौटी पर खुद को आजमाना है
बन मतलबी, दुनिया है तो
अगर मंजिल पाना है
होगी सफलता तेरे साथ तो
घूरने वाली आँखे भी प्यार दिखाएगी
छोड़ सब दुनिया दारी
अपने लक्ष्य से कर ईमानदारी
बाँध गांठ कि खुद के मरे स्वर्ग मिलता है
आग मे जल जल कर सोना बनता है
है कठिन परिश्रम से सफलता का नाता
फिर तु कोई अलग थोड़ी
कर पर्ण सब लक्ष्य को अर्पण
चल तु चल तु रुक रुक मत
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