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हमें अपने ग़ज़ल से दर्द ग़म तुझको सुनाना है
बता दे दिल तुझे कितना अभी मुझको रुलाना है
अरे जो जानते हो तुम नहीं है बात अब उसकी
नहीं जो जानते हो तुम वही सब अब बताना है
रहा छोटा हमेशा जो इसी घर में सही में अब
सभी से अब बड़ा है वो सभी से यार स्याना है
नहीं है ग़म नहीं तकलीफ़ अब यारा बिना तेरे
अरे
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