मौन's image
Share1 Bookmarks 36 Reads1 Likes

सब कुछ सफर में ही तो है

शब्दों से गहन 'मौन'

प्रकृति से गहन 'प्रेम'

कुछ भी तो स्थायी नहीं है

प्रेम के अतिरिक्त....

ना ये मिट्टी का लिहाफ...

ना अहंकारी लिहाज़...

फिर भी हैरान है..मनुष्य

फिर भी डरता है...मनुष्य

वह ज

No posts

Comments

No posts

No posts

No posts

No posts