Share0 Bookmarks 44994 Reads0 Likes
मुझे शब्दों को कविताओं में,
पिरोना अच्छा लगता है,
अपने दिल के अहसासो को,
पन्नों पर उतारना अच्छा लगता है,
मैं क्यों किसी और के लिए गीत लिखूं,
जब मुझे खुद के लिए,
गीत लिखना अच्छा लगता है।
मेरे अंतमुर्खी मन को,
कहने से ज्यादा,सुनना अच्छा लगता है,
मुझे जमाने से कोई सरोकार नहीं,
मुझे खुद से प्यार करना अच्छा लगता है,
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments