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ये मर्ज़ियाँ तेरी हैं
ये आरजू तेरी हैं
ये जुस्तजू भी तेरा है
ये सुर्ख रूह भी तेरा है
ये आदमों के झुरमुटों में
ये रौशनी भी तेरा है
“Rashid Ali Ghazipuri”
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ये मर्ज़ियाँ तेरी हैं
ये आरजू तेरी हैं
ये जुस्तजू भी तेरा है
ये सुर्ख रूह भी तेरा है
ये आदमों के झुरमुटों में
ये रौशनी भी तेरा है
“Rashid Ali Ghazipuri”
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