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वो साहिल…. , किनारा और वो इश्क़ की बस्ती,
सब कुछ क़रीब था,
उफ़.. ये फितरत यकीन कर लेने की,
इस दस्त में समंदर भर लेने की,
सिर्फ और सिर्फ यादें ही समेट पाया
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वो साहिल…. , किनारा और वो इश्क़ की बस्ती,
सब कुछ क़रीब था,
उफ़.. ये फितरत यकीन कर लेने की,
इस दस्त में समंदर भर लेने की,
सिर्फ और सिर्फ यादें ही समेट पाया
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