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उदास ये दिल कशमकश भी तारी है
आगे क्या है और कहाँ किस्मत से यारी है
पा लेते हैं और कुछ खो भी देते हैं
किस्मत के समंदर में हम गोते बहुत लेते हैं,
बस उम्मीद भर ही है कि कुछ तो हाथ लगे
पर कहाँ अपना ज़ोर किस्मत पे
बस बदलने की नाकाम कोशिश कर लेते हैं
“Rashid Ali Ghazipuri”
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