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मेरा कान्हा
सुंदर बड़ा मनमोहक बड़ा
सुंदर बड़ा मनमोहक बड़ा
दिलों का तो चोर था ही वो
मन को भी मोह जाता कान्हा
मिट्टी खा खा के मां को सताता
मुंह खोलो बोला तो सारा ब्रह्मांड दिखाता
धूल मिट्टी को भी खुद पर गुमान बड़ा
बकईयां बकईयां जो चला है कान्हा
सुंदर बड़ा तेज प्रतापी बड़ा
मां की है आंखों का तारा कान्हा
बचपन जीया तो ऐसा जीया
घर घर में लड्डू गोपाल बनके आ गया कान्हा
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