ख़त की मौत से अफ़सोस हुआ,
मोहल्ले में भी कुछ अल्फाजों के आशिकों ने,
आँसू बहाएं।
लिफ़ाफ़े तो मानो विधवाओं का लिबास में लिपटी, खामोश सी रह गई।
ख़त के मौत से अफ़सोस तो डाकिए को भी हुआ,
उस का इंतजार अब कोई दर
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