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बुन्देली लोक गीत

Raj Painter BundelkhandiRaj Painter Bundelkhandi January 15, 2023
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शीर्षक -जाड़ों

अब तो आगी बारो रे - रामधई

अब तो आगी बारो रे

होन लगो है जाड़ों भैया,आगी बारों रे

अब तो आगी बारों रे...

भुंसारे से परत कोहरो

कछु नई देत दिखाई 

रामधई कछु नई देत दिखाई

दबे परे रात खटिया पे,

छोड़ी ना जाये रजाई

बाई कात हो गओ भुंसारो रे ,

हो गओ भुंसारों रे, होन लगो है...

थर थर कपे काकी मोरी

कक्का कप कप जाबे

जब ब

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