
मेरी लाडली तेरे कदमों तले खुशियाँ जहां की बिछा दूं,
जहां भी रहे,रहे खुश सदा तू,दिल से ये दुआ दूं!
गुनगुन गाती रहे सदा तू खुशियों भरे तराने,
इक रोज छुए आसमां को,गाए दुनिया तेरे फ़साने!
बढ़े तेरे कदम जिस ओर,खुले तरक्की की राहें,
तेरे स्वागत को खड़ी हो दुनिया पसारे बाहें!
निडर है तू डरना ना कभी दुनिया में मुश्किलों से,
हजारों थपेड़े खाके कश्ती मिलती है साहिलों से!
खुद ही खेनी पड़ती है नैया पाने को किनारा,
यकीं हो खुद पे तो ही मिलता है भगवान का सहारा!
खुद पे यकीं और रखना सदा मेहनत पे अपनी भरोसा,
कर लोगी मुकाम हासिल मन में जो भी तुमने सोचा!
समय की रहना पाबंद,अनुशासन कभी ना तजना,
ब्रह्म मुहूर्त होता बड़ा शुभ है,सदा उससे पहले ही जगना!
आ सको काम किसी के,बनना इतना काबिल,
जरूरतमंदो को दे सको कर लेना इतना हासिल!
हैसियत खूब बढ़ाना पर मन में ना अभिमान लाना,
नेक नियती से रहना,रखे तुम्हें दुआओं में जमाना!
भूलकर भी कभी दिल तुम ना किसी का दुखाना,
आशीष बड़ों का सदा तुम स्नेह छोटों का कमाना!
रहना हर हाल में अडिग तुम कर्तव्यों से ना विमुख होना,
सुख देना औरों को तुम,पाना सुखों का सदा बिछौना!
तुम्हारा होना लाडली देता है राजीव को सुखद अनुभूति,
हासिल कर मुकाम ऊंचा,पाओ जगत में विभूति!
©राजीव त्यागी
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