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मैंने स्थापित कथाओं का
वाचन नहीं किया
न चुनिन्दा लोगों की विरुदावली गायी
और न उन लोगों के लिये
गालियों के गीत लिखे&n
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मैंने स्थापित कथाओं का
वाचन नहीं किया
न चुनिन्दा लोगों की विरुदावली गायी
और न उन लोगों के लिये
गालियों के गीत लिखे&n
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