Share0 Bookmarks 55208 Reads0 Likes
प्रगति की भागमभाग में उत्पादन की दौड़ में,
भौतिकता के अहंकार में विनाश की होड़ में,
जहर हवा में घुल गया पानी भी जहर हो गया,
गर्मी की ऋतु पसर गयी प्रकोप ग्रीष्म का बढ़ गया,
हेमन्त विलुप्त हो गया वसंत कहीं खो गया,
समय से पहले पकी फसल कमी उपज में
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments