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वक्त के इस छोर से उस छोर तक,
वक्त के इस दौर से उस दौर तक,
मैं तेरी राहगुज़र मे था,
तेरी नेकियां तेरे साथ हैं,मेरी गफलतें मेरे साथ हैं,
जो तेरी नजर मे चुभन सी है तो दिल मेरा भी हसीन है,
तेरा तीर है सधा हुआ इस गरीब दिल का मैं क्या कर,
वक्त के इस छोर से उस छोर तक,
वक्त के इस दौर से उस दौर तक,
मैं तेरी राहगुज़र मे हूँ,
दिल का लहू है तू मेरे ,तू धड़कनों मे पैबस्त है,
मैं धड़कनों से महरूम हूँ इस बेजान दिल का मैं क्या करूँ,
जो तेरे साथ न गुजर सकी उस ज़िन्दगी का मैं क्या करूँ,
मैं तेरी राहगुज़र में हूँ इस बेजान दिल का मैं क्या करूँ,
वक्त के उस
छोर से इस छोर तक,
वक्त के उस दौर से इस दौर से इस दौर तक,
मैं तेरी राहगुज़र मे हूँ।
- राजीव ' हैरान '
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