
Share0 Bookmarks 64 Reads0 Likes
नमन् मात वसुन्धरा,हे धरती,हे धरा,
आश्रय वस्त्र भोजन और फल दे,सभी को,
शान्तिदायक औषध दे और निर्मल जल दे,सभी को,
तूने सब कल दिया फिर आज और कल दे,सभी को,
तेरे प्रदूषण का भार मिल उतारेंगे जन जन,सभी,
आशीष दे हमें निश्छल उदात्त दे मन,सभी को.
- राजीव ' हैरान '
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments