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जमाने की खुशमिज़ाजी ,
इसे नागवार है उदासी ,
कोई हँसे तो हँसता है ये ,
कोई रोए तो भी हँसता है ये ,
हर गम भूल कर हँसता है ये ,
इसे रोकती नहीं दुश्वारी ,
इसे नागवार है उदासी ,
ये जमाने की खुशमिजा़जी ।
- राजीव ' हैरान '
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