
Share0 Bookmarks 34 Reads0 Likes
इश्क मे तेरी बेचैनी,
कफ़स मे जैसे बुलबुल हो,
जबीं पर जुल्फ़ उलझी सी,
हो जैसे चाँद पर बादल।
- राजीव ' हैरान '
No posts
No posts
No posts
No posts
इश्क मे तेरी बेचैनी,
कफ़स मे जैसे बुलबुल हो,
जबीं पर जुल्फ़ उलझी सी,
हो जैसे चाँद पर बादल।
- राजीव ' हैरान '
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments