
Share0 Bookmarks 126 Reads0 Likes
दिल के दरीचे से हरदम तेरा दीदार करता हूँ,
रूबरू हो तो वफा़ का इजहार हो जाए,
कुछ अपनी कहें कुछ जमाने की,
बातों बातों में शायद तुम्हें भी प्यार हो जाए ।
- राजीव ' हैरान '
No posts
No posts
No posts
No posts
दिल के दरीचे से हरदम तेरा दीदार करता हूँ,
रूबरू हो तो वफा़ का इजहार हो जाए,
कुछ अपनी कहें कुछ जमाने की,
बातों बातों में शायद तुम्हें भी प्यार हो जाए ।
- राजीव ' हैरान '
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments