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ग्रीष्म का करता प्रबन्ध,
एक विशाल हस्ति मलंग,
लोटता पंक मत्त मतंग,
लिपटा पंक अंग अंग,
लेता आनंद कर नेत्र बंद ।
- राजीव ' हैरान '
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ग्रीष्म का करता प्रबन्ध,
एक विशाल हस्ति मलंग,
लोटता पंक मत्त मतंग,
लिपटा पंक अंग अंग,
लेता आनंद कर नेत्र बंद ।
- राजीव ' हैरान '
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