
Share0 Bookmarks 115 Reads1 Likes
वही चूल्हा वही फूंकनी
वही अलाव याद आता है
सर्द सुबह की पहली किरण में
माँ याद याद आती है।
वही आंगन वही खिड़की
वही दर याद आता है
अकेला जब भी होता हूँ
घर याद आता है।
वही खेत वही मेड
वही खलिहान बंजर नज़र
आता है
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments