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अनजानी राह में तेरी मुश्किलों से टकरार हो जाए
क्या पता कल तेरे अपनों से ही तेरी टकरार हो जाए
जो वर्षों से मन में छुपी हों , उन कड़वी बातों का भी इजहार हो जाए
न इधर का पता न उधर का , जिंदगी दर्द की वो मझधार हो जाए
जो सोचा भी न हो तुमने, ऐसे वक्त की शुरुआत हो जाए
क्या पता बेरंग सुखी जिंदगी में रंगों की बरसात हो जाए
जिसे हमेशा खोजता रहा तू,कल तुझमें ही वो बात हो जाए
दिन मुश्किल में कटे हैं तेरे , शायद सुहानी आने वाली
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