Share0 Bookmarks 31137 Reads1 Likes
अनजानी राह में तेरी मुश्किलों से टकरार हो जाए
क्या पता कल तेरे अपनों से ही तेरी टकरार हो जाए
जो वर्षों से मन में छुपी हों , उन कड़वी बातों का भी इजहार हो जाए
न इधर का पता न उधर का , जिंदगी दर्द की वो मझधार हो जाए
जो सोचा भी न हो तुमने, ऐसे वक्त की शुरुआत हो जाए
क्या पता बेरंग सुखी जिंदगी में रंगों की बरसात हो जाए
जिसे हमेशा खोजता रहा तू,कल तुझमें ही वो बात हो जाए
दिन मुश्किल में कटे हैं तेरे , शायद सुहानी आने वाली
No posts
No posts
No posts
No posts
Comments